Maitri Worker Course
राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण परिवेश दसवीं पास बेरोजगार युवाओं को 3 माह का प्रशिक्षण प्रदान कर भारत सरकार से प्रमाण-पत्र धारी मैत्री वर्कर / पशु स्वास्थ्य कार्यकर्ता (Animal Health Worker) को ग्रामीण एवं कसबे स्तर पर “पशु सेवा केंद्र” का संचालन कर सकता है या अपने क्षेत्र में अपना रोजगार कर सकता है | जिसके द्वारा वह पशुपालकों को कृत्रिम गर्भाधान एवं प्राथमिक पशु चिकित्सा सेवाएं देकर आसानी से कमाई कर सकते है।
भारत सरकार केंद्रीय पशुपालन विभाग एवं कृषि मंत्रालय द्वारा अधिकृत एक मात्र प्रशिक्षण संस्थान हरियाणा के हिसार शहर में व उसी की एक शाखा भठिंडा पंजाब में स्थित है। दाखिला लेने से पहले यह निर्धारित कर ले कि प्रशिक्षण कहाँ से ले रहे है क्योकि मिलते जुलते नामों से कुछ फर्जी संस्थान खुले हुए है। सुनिश्चित कर लें कि भारत सरकार की वेबसाइट epashuhaat पर जाकर सही प्रशिक्षण संस्थान की पुष्टि कर लें। यह कोर्स भारत में किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड / संस्था से किसी भी विषय में 10वीं उत्तीर्ण कर सकता है |कोर्स में प्रशिक्षण हेतु 2000/-रूपये रजिस्ट्रेशन राशि तथा 30000/- रूपये प्रशिक्षण राशि /फीस तथा आवेदन पत्र सहित कार्यालय में जमा करने पर 3 मासिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है।
Goat Farming
किसान भाइयों बहुत ही खुशी की बात है कि हमने भारत सरकार से मान्यता प्राप्त प्रैक्टिकल ट्रेनिंग बकरी पालन का ट्रेनिंग कोर्स शरु किया है जिसमें सारी जानकारी प्रैक्टिकल दी जाएगी जैसे की कृत्रिम गर्भाधान ,नस्ल सुधार ,फ़ीड पोषण मैनेजमेंट ,शेड निर्माण ,सेल परचेज ,व दवाइयों के बारे जानकारी दी जाएगीयह सात दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण किसानों और बेरोजगार युवाओं को त्रिपक्षीय स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रथम – उन्नत नस्ल के दूध एवं मांस की तैयारी एवं ब्रीडर ईद के लिए बकरियों को प्रजनन एवं तैयार कर तथा जीरो प्रतिशत मृत्यु दर का रख-रखाव, वैज्ञानिक पद्धति से कम लागत पर बकरी घर/शैड बनाना आदि। दूसरा – बकरी का स्वास्थ्य – बकरियों के संपूर्ण रोगों और उनकी रोकथाम और वैक्सीन किट और दवा किट के बारे में जानकारी प्रदान करना जिससे किसान अपनी बकरियों का इलाज स्वयं कर सकें। तीसरा – विपणन – जिसमें बकरियों को खरीदने और जांचने से पहले दस तरीकों से मूल्यांकन किया जाता है और बेचने के उपाय महंगे हैं (क्योंकि व्यापारी गरीब किसानों को बकरियों में पानी बेचकर या केले खिलाकर उन्हें स्वस्थ दिखाकर लूटते हैं और बकरी प्रशिक्षण के नाम पर लूट भी रहे हैं) इन सभी पहलुओं पर विश्वसनीय प्रशिक्षण प्रदान करना हैं ।